भगत सिंह शायरी हिन्दी मे | 399+ BEST Bhagat Singh Shayari in Hindi

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=> 01 - टॉप Bhagat Singh Shayari in Hindi With Images


मेरे जज्बातों से मेरा कलम इस कदर वाकिफ हो जाता हैं,

मैं इश्क भी लिखना चाहूँ तो इन्कलाब लिखा जाता हैं.

जय हिन्द


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जशन आज़ादी का मुबारक हो देश वालो को,

फंदे से मोहब्बत थी हम वतन के मतवालो को।

जय हिन्द जय भारत


*


महान स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद

भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु को

शहीदी दिवस पर विनम्र नमन


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लड़े वो वीर जवानों की तरह

ठंडा खून भी फौलाद हुआ

मरते-मरते भी कई मार गिराए

तभी तो देश आजाद हुआ

शहीद दिवस पर शहीदों को शत् शत् नमन



सैकड़ो परिंदे आसमान पर आज नज़र आने लगे,

शहीदो ने दिखाई है राह उन्हें आजादी से उड़ने की।

देश के शहीदो को नमन।


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देश को विदेशी दासता से स्वतंत्र कराने हेतु

अपने प्राणों का बलिदान देने वाले अमर क्रांतिकारी

भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को उनके

बलिदान दिवस पर कोटि कोटि नमन


*


“इंकलाब जिंदाबाद”

राष्ट्रीय सेवा में हंसते-हंसते अपनी जान न्योछावर

करने वाले महान देशभक्त शहीद-ए-आजम

भगत सिंह जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन!


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अगर खुद को सिद्ध करने से पहले मुझे मौत आ गई,

तो सबसे पहले मौत को मौत के घाट उतार दूंगा!

मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर

करोड़ों देशवासियों की हृदय में आजादी की

अलख जगाने वाले महान क्रांतिकारी शहीद-ए-आजम

भगत सिंह जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन



सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,

देखना है ज़ोर कितना बाजु-ए-कातिल में है।।


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किसी ने सच ही कहा है, सुधार बूढ़े आदमी नहीं कर सकते ।

ते तो बहुत ही बुद्धिमान और समझदार होते हैं ।

सुधार तो होते हैं युवकों के परिश्रम, साहस, बलिदान और निष्ठा से,

 जिनको भयभीत होना आता ही नहीं और जो विचार कम और अनुभव अधिक करते हैं ।”~


=> 02 - Bhagat Singh Shayari 2 Line


मैं एक मानव हूँ और जो कुछ भी मानवता को

प्रभावित करता है उससे मुझे मतलब है।


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“निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार

ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।”


*


क्रांति मानव जाती का एक अपरिहार्य अधिकार है. स्वतंत्रता सभी का एक

कभी न खत्म होने वाला जन्म-सिद्ध अधिकार है

. श्रम समाज का वास्तविक निर्वाहक है।


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“क़ानून की पवित्रता तभी तक बनी रह सकती है

जब तक की वो लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति करे।”



इंसान तभी कुछ करता है जब वो अपने काम के औचित्य को लेकर सुनिश्चित होता है ,

 जैसाकि हम विधान सभा में बम फेंकने को लेकर थे।”


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आम तोर पर लोग चीजें जैसी हैं उसके आदि हो जाते हैं और

बदलाव के विचार से ही कांपने लगते हैं.

हमें इसी निष्क्रियता भी भावना को क्रांतिकारी भावना से बदलने की जरूरत है 


*


राख का हर एक कण,

मेरी गर्मी से गतिमान है।

मैं एक ऐसा पागल हूं,

जो जेल में भी आजाद है।।


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“कभी वो दिन भी आएगा

कि जब आज़ाद हम होंगें

ये अपनी ही ज़मीं होगी

ये अपना आसमाँ होगा”



भारत की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने

वाले स्वतंत्रता सेनानी एवं क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह जी

की जयंती पर उन्हें शत शत नमन।


-


किसी भी कीमत पर बल का प्रयोग ना करना काल्पनिक आदर्श है

और नया आन्दोलन जो देश में शुरू हुआ है और

जिसके आरम्भ की हम चेतावनी दे चुके हैं वो गुरु गोबिंद सिंह और

शिवाजी, कमाल पाशा और राजा खान, वांशिगटन और

गैरीबाल्डी, लाफायेतटे और लेनिन के आदर्शो से प्रेरित हैं


=> 03 - भगत सिंह स्टेटस शायरी


अहिंसा को आत्म-बल के सिद्धांत का समर्थन प्राप्त है जिसमे अंतत:

प्रतिद्वंदी पर जीत की आशा में कष्ट सहा जाता है ।

लेकिन तब क्या हो जब ये प्रयास अपना लक्ष्य प्राप्त करने में असफल हो जाएं ?

 तभी हमें आत्म -बल को शारीरिक बल से जोड़ने की ज़रुरत पड़ती है ताकि हम अत्याचारी और

क्रूर दुश्मन के रहमोकरम पर ना निर्भर करें ।” 


-


मैं इस बात पर जोर देता हूँ की मैं महत्वाकांक्षा,

आशा और जीवन के प्रति आकर्षण से भरा हुआ हूँ.

पर मैं जरूरत पड़ने पर ये सब त्याग सकता हूँ,

और वही सच्चा बलिदान हैं।


*


मैं इस बात पर जोर देता हूँ की मैं महत्वाकांक्षा,

आशा और जीवन के प्रति आकर्षण से भरा हुआ हूँ.

पर मैं जरूरत पड़ने पर ये सब त्याग सकता हूँ,

और वही सच्चा बलिदान हैं।


-


जो भी व्यक्ति विकास के लिए खड़ा है,

उसे हर एक रुढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी,

उसमें अविश्वास करना होगा, तथा उसे चुनौती देनी होगी।।



किसी को “क्रांति” शब्द की व्याख्या शाब्दिक अर्थ में नही करनी चाहिए.

जो लोग इस शब्द का उपयोग या दुरुपयोग करते हैं उनके

फायदे के हिसाब से इसे अलग अलग अर्थ और अभिप्राय दिए जाते हैं।


-


आम तौर पर लोग जैसी चीजें हैं उसके आदी हो जाते हैं 

और बदलाव के विचार से ही कांपने लगते हैं। 

हमें इसी निष्क्रियता की भावना को क्रांतिकारी भावना से बदलने की जरूरत है।”


*


जरूरी नहीं थी की क्रांति में अभिशप्त संघर्ष शामिल हो.

यह बस और पिस्तौल का पंथ नहीं था|


-


मातृभूमि के प्रति शहीद भगत सिंह का प्यार,

त्याग और समर्पण असाधारण व वंदनीय था।

भगत सिंह के सर्वोच्च बलिदान से युवाओं में

राष्ट्रभक्ति का ऐसा ज्वार आया जिससे पूरे देश

में स्वाधीनता की लहर और प्रचंड हो गयी।



किसी भी इंसान को मारना आसान है, 

परन्तु उसके विचारों को नहीं।

महान साम्राज्य टूट जाते हैं, तबाह हो जाते हैं,

 जबकि उनके विचार बच जाते हैं।”~ 


-


जिन्दगी तो अपने दम पर ही जी जाती है….

दुसरो के कन्धों पर तो सिर्फ जनाजे उठाये जाते हैं


=> 04 - भगत सिंह के बारे में दस लाइन


यदि बहरों को सुनना है तो आवाज को बहुत जोरदार होना होगा.

जब हमने बम गिराया तो हमारा धेय्य किसी को मरना नही था.

हमने अंग्रेजी हुकूमत पर बम गिराया था.

अंग्रेजी को भारत छोड़ना चाहिए और उसे आजाद करना चाहिये 


-


चलो फिर से आज वो नजारा याद कर ले

शहीदों के दिल में थी जो ज्वाला वो याद कर ले

जिसमे बहकर आजादी पहुंची थी किनारे पे

देशभक्तों के खून की वो धरा याद कर ले


*


इतनी सी बात हवाओ को बताए रखना

रोशनी होगी चिरागों को जलाए रखना

लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने

ऐसे तिरंगे को हमेशा अपने दिल में बसाए रखना


-


कोई भी व्यक्ति जो जीवन में आगे बढ़ने के

लिए तैयार खड़ा हो उसे हर एक रूढ़िवादी

चीज की आलोचना करनी होगी, 

उसमे अविश्वास करना होगा और चुनौती भी देना होगा।” 



शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,

वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा, अमर शहीद भगत सिंह,

सुखदेव व राजगुरु के बलिदान दिवस पर, कोटि-कोटि नमन


-


क्रांति मानव जाति का एक अपरिहार्य अधिकार है

स्वतंत्रता सभी का एक

कभी ना खत्म होने वाला जन्मसिद्ध अधिकार है

श्रम समाज का वास्तविक निर्वाहक है। ।


*


लिख रहा हूं मैं अजांम जिसका कल आगाज आयेगा,

मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे मेरा कि,

मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा।


-


स्वतंत्रता प्रत्येक मानव का अधिकार है  

हम इसे छीन कर लेंगे यही मेरा प्रण है। ।



वादे जो किए थे जो तुमने क्या उसे निभाते हो

फिर बोलो किस मुंह से मेरा जन्मदिन मनाते हो। ।


-


“यदि बहरों को सुनना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा।

जब हमने बम गिराया तो हमारा धेय्य किसी को मारना नहीं थ।

हमने अंग्रेजी हुकूमत पर बम गिराया था ।

अंग्रेजों को भारत छोड़ना चाहिए और उसे आज़ाद करना चहिये।”


=> 05 - भगत सिंह शायरी फोटो


पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही गुलामी की}

मानसिकता को मैं और नहीं सह सकता

इस निष्क्रियता की भावना को त्याग कर

में क्रांति की भावना में बदल बदल दूंगा । ।


-


सेवा ही करनी है तो निस्वार्थ भाव से करो

 क्या कोई अपनी माता से मूल्य मांगता है। ।


*


सेवा ही करनी है तो निस्वार्थ भाव से करो

 क्या कोई अपनी माता से मूल्य मांगता है। ।


-


जशन आज़ादी का मुबारक हो देश वालो को,

फंदे से मोहब्बत थी हम वतन के मतवालो को।

जय हिन्द जय भारत



राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है। 

मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आजाद है।“


-


शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,

वतन पे मर मिटनेवालों का बाकी यही निशां होगा


*


किसी भी कानून की पवित्रता  , तब तक बनी रहती है

जब तक वह लोगों के  , अधिकारों का हनन न करे। ।


-


सीने पर जो जख्म है , वह सब फूलों के गुच्छे हैं

हमें पागल ही रहने दो , हम पागल ही अच्छे हैं। ।



मैं जला हुआ राख नही, अमर दीप हूँ,

जो मिट गया वतन पर, मैं वो शहीद हूँ।


-


हवा में रहेगी मेरे ख्याल की बिजली

ये मुस्ते खाक है फानी रहे ,रहे न रहे। ।


=> 06 - भगत सिंह डायलॉग इन हिंदी


जशन आज़ादी का मुबारक हो

देश वालो को, फंदे से मोहब्बत थी

हम वतन के मतवालो को।

देश के शहीदो को नमन।


-


राख का हर एक कण

मेरी गर्मी से गतिमान है

मैं एक ऐसा पागल हूं

जो जेल में भी आजाद है। ।


*


“जिंदगी तो सिर्फ अपने कंधों पर जी जाती है,

 दूसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।“


-


व्यक्तियों को कुचलकर ,

वे विचारों को नहीं मार सकते। ।


^


वो इश्क का आलम भी गजब रहा होगा …

राझाँ” जिसमे भगतसिंह” और

“हीर” जिसमे “आज़ादी” रही होगी…


-


“प्रेमी, पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं।“ 

~ भगत सिंह


*


सीमा नहीं बना करतीं हैं काग़ज़ खींची लकीरों से,

ये घटती-बढ़ती रहती हैं वीरों की शमशीरों से.


-


जिंदगी तो अपने दम पर ही जी जाती है

दूसरों के कंधों पर तो , सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं। ।


^


“देशभक्तों को अक्सर लोग पागल कहते हैं।“

 ~ भगत सिंह


-


मरने के बाद भी जिसके नाम मे जान हैं,

ऐसे जाबाज़ शहीद हमारे भारत की शान है

देश के उन वीर जवानों को सलाम

जय हिन्द


=> 07 - भगत सिंह जयंती पोस्टर


अगर बहरों को सुनाना है

तो आवाज जोरदार होनी चाहिए। । 


-


सूर्य विश्व में हर किसी देश पर उज्ज्वल हो कर गुजरता है परन्तु उस समय ऐसा 

कोई देश नहीं होगा जो भारत देश के सामान इतना स्वतंत्र, 

इतना खुशहाल, इतना प्यारा हो।” ~ 

भगत सिंह


*


तन की मोहब्बत में, खुद को तपाये बैठे हैं,

मरेंगे वतन के लिए, शर्त मौत से लगाये बैठे हैं


-


इस कदर वाकिफ है मेरी ,

कलम मेरे जज्बातों से ,

अगर मैं इश्क लिखना भी चाहूं ,

तो इंकलाब लिख जाता हूं। ।


^


लड़ा वह अंत तक मातृभूमि की खातिर

क्योंकि मातृभूमि का सम्मान तार-तार था। । 


-


जा मिला वह उस मिट्टी में  , जिसका वह लाल था

उस लाल के आगे खुशियों का अंबार था


*


“मेरा जीवन एक महान लक्ष्य के प्रति समर्पित है – देश की आज़ादी। दुनिया की अन्य कोई आकषिर्त वस्तु मुझे लुभा नहीं सकती।” 


-


“इंसान तभी कुछ करता है जब वो अपने काम के औचित्य को लेकर सुनिश्चित होता है, जैसाकि हम विधान सभा में बम फेंकने को लेकर थे।” 


^


“मैं एक मानव हूँ और जो कुछ भी मानवता को प्रभावित करता है उससे मुझे मतलब है।”  


-


यदि बहरों को सुनना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा।

जब हमने बम गिराया तो हमारा मकसद किसी को मारना नहीं था

हमने अंग्रेजी हुकूमत पर बम गिराया था  

अंग्रेजों को भारत छोड़ना चाहिए और उसे आज़ाद करना चहिये।”


=> 08 - भगत सिंह के बोल


“कानून की पवित्रता को तभी तक स्वीकार किया जा सकता है, जब तक कि ये लोगों की इच्छा का मान रखता हो।” 


-


“निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।”


*


“सिने पर जो ज़ख्म है, सब फूलों के गुच्छे हैं, हमें पागल ही रहने दो, हम पागल ही अच्छे हैं।” 


-


“देशभक्तों को अक्सर लोग पागल कहते हैं।” 


^


“किसी भी इंसान को मारना आसान है,

परन्तु उसके विचारों को नहीं।

महान साम्राज्य टूट जाते हैं, तबाह हो जाते हैं,

जबकि उनके विचार बच जाते हैं।”


-


“प्रेमी, पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं।” 


*


“जो भी व्यक्ति विकास के लिए खड़ा है,

उसे हर एक रूढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी

उसमे अविश्वास करना होगा, तथा उसे चुनौती देनी होगी।”


-


मैं एक इंसान हूं और जो भी चीजें इंसानियत पर प्रभाव डालती है मुझे उनसे फर्क पड़ता है।” 


^


“जिंदगी तो सिर्फ अपने कंधों पर जी जाती है, दूसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।” 


-


“राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है, मैं एक ऐसा पागल हूं, जो जेल में भी आजाद है।” 


=> 09 - इंकलाब जिंदाबाद शायरी


“इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज्बातों से, अगर मैं इश्क़ लिखना भी चाहूं तो इंकलाब लिख जाता हूं।” 


-


“हमने जब विधानसभा में बम विस्फोट किया था तब हमारा उद्देश्य किसी भी आतंकवादी गतिविधि या विद्रोह को बढ़ावा देना नहीं था हमारा केवल एक ही लक्ष्य था कि अंग्रेजी हुकूमत तक अपनी आवाज पहुंचाना और उन्हें ये संदेश देना कि भारत अब आजादी चाहता है”


*


“पता नहीं क्यों पर एक सच्चे देशभक्त को हर कोई पागल ही समझता है”


-


“हमारा मत क्रांति के लिए बम और पिस्तौल को इस्तेमाल करने का कभी नहीं था”


^


“एक खुशहाल जीवन जीने का सपना तो मैंने भी देखा था पर एक कैदी की तरह मैं अपना जीवन नहीं जी सकता उस से बेहतर होगा कि मैं अपना जीवन इस देश के आजादी के लिए बलिदान कर दू”


-


“हर किसी का यह सोचना है कि मैं सर्वशक्तिमान हूं पर मैं इस बात का पूर्ण रूप से खंडन करता हूं”


*


“क्रांतिकारियों को हथियारों की जरूरत नहीं होती एक सच्चे क्रांतिकारी का हथियार उसका हौसला होता है”


-


“क्रांतिकारी बनने के लिए क्रोध की आवश्यकता नहीं है एक सच्चा क्रांतिकारी बनने के लिए मन में हौसला और नेक इरादे होना आवश्यक है”


^


“किसी भी क्रांति का मूल अर्थ आतंक या हिंसा बिल्कुल नहीं हो सकता”


-


“वतन की उल्फत तो मर कर भी हमारे दिल से नहीं निकलेगी हमारी मिट्टी से भी इस वतन की खुशबू ही आएगी”


=> 10 - क्रांतिकारी विचार


“मेरा सिर्फ एक ही धर्म है और एक ही लक्ष्य है और वो है मेरे देश की आजादी चाहे उसके लिए मुझे अपने प्राणों की आहुति भी देनी पड़े”


-


“मैं खुद इस बात को स्वीकार करता हूं कि मैं बचपन से ही एक महत्वकांक्षी आशावादी और इंसान के जीवन के प्रति आकर्षित रहा हूं और मैं मरते दम तक एक सच्चा बलिदानी और क्रांतिकारी रहूंगा”


*


“मैं जानता हूं कि मुझे फांसी होने वाली है और मैं इसका धैर्य पूर्वक प्रतीक्षा करूंगा क्योंकि एक क्रांतिकारी की मृत्यु बहुत ही सुंदर होती है और एक बात हमेशा याद रखना कि सिर्फ अपने दुखों का अंत करने के लिए आत्महत्या करना कायरता का परिचय होता है”


-


“अपने दुश्मन से बहस करने के लिए उसका अभ्यास करना बहुत जरूरी है”


^


“अपने देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाला हर क्रांतिकारी वो पागल होता है जो जेल में भी आजाद होता है”


-


“मैंने अपनी रक्षा के लिए कभी कोई इच्छा जाहिर नहीं की थी और नाही इस बारे में कभी गंभीरता से कोई विचार किया था”


*


“वो हर बात जो इंसानियत को प्रभावित करें मुझ पर भी गहरा प्रभाव डालती है क्योंकि आखिर मैं भी एक इंसान ही हूं”


-


“हमारे सीने में जो जख्म है वो जख्म नहीं फूलों के गुच्छे हैं जो हमें हमारे देश भक्ति के लिए हमें भेंट में दिए गए है”


^


“ताकत के बल पर आप इंसानों को तो कुचल सकते हैं पर उन इंसानों के विचारों को आप कभी नहीं कुचल सकते”


-


“अगर देश भक्ति पागलपन है तो हम पागल ही सही हमें पागल ही रहने दो”


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