धोखा शायरी हिन्दी मे | 399+ BEST Dhoka Shayari in Hindi In Hindi

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=> 01 - टॉप Dhoka Shayari in Hindi In Hindi With Images


दुनिया को धोखे में रखो, अपने आप को नहीं।


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धोखा देने वाले अक्लमंद होते, भरोसा करने वाले गुनेहगार, ये नई दुनिया की नई रीत है।


*


हर धोखेबाज़ अपने परवरिश बयान करता है।


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याद का पता नहीं, पर शर्म तो आती होगी उसको।



एक इंसान पूरी दुनिया को धोखा दे सकता है, अपने आप को नहीं।


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दिलों में दिमाग रखते है, आप तो सब से प्यार से मिलते है।


*


इस कदर तबाह हुए की तबाही दिखी नहीं, इश्क़ की इलाज की दवाई मिली ही नहीं।


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इस कदर तबाह हुए की तबाही दिखी नहीं, इश्क़ की इलाज की दवाई मिली ही नहीं।



हम जिनको हर दिन याद करते है, वो किसी और को खुश करने में लगी हुई है।


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अब इंसान मौसम के रफ्तार से नहीं, हवाओं के रफ़्तार से बदलते है।


=> 02 - Dhoka Shayari 2 Lines


हर धोखा देने वाला धोखेबाज़ नहीं होता, कुछ किस्मत का भी लिखा होता है।


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अक्सर धोखा वही खाते है, जो जरूरत से ज्यादा किसी पर भरोसा करते है।


*


एक धोखा भी जरुरी है, अपने आप से मिलने के लिए।


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जिसने भी किसी अपनों से धोखा खाया है, उसने अपनी तकदीर अपने हाथों से बनाया है।



ज़िंदगी सँवारने के लिए, ज़िंदगी में धोखा खाना बहुत जरुरी है।


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ज़िंदगी सँवारने के लिए, ज़िंदगी में धोखा खाना बहुत जरुरी है।


*


जो अपने माँ-बाप को धोखा दे सकता है, वो किसी को भी धोखा दे सकता है।


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धोखा मजबूरी में दिया जाए तो माफ़ किया जा सकता है।



बड़ी धोखेबाज़ी की तुमने इश्क़ में, खुशियां अपने हिस्से और गम मेरे नाम कर दिया।


-


पहचान ने में भूल हुई मुझसे, धोखा देना शायद तुम्हारी फितरत ही थी।


=> 03 - अपनों से धोखा शायरी इन हिंदी समस


पहचान ने में भूल हुई मुझसे, धोखा देना शायद तुम्हारी फितरत ही थी।


-


धोखा देना आखरी विकल्प कभी नहीं होता।


*


अभी "सूरज" नहीं डूबा ज़रा शाम होने दो

मैं खुद लौट जाउँगा मुझे_नाकाम तो होने दो

मुझे "बदनाम" करने का बहाना ढूंढ़ता है ज़माना

मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम_पहले मेरा नाम तो होने दो


-


मुझसे दूर जाने के लिए उन्हें "दुनिया" को गुनहगार साबित करना पड़ा. पर क्या ये दुनिया #बेग़ुनाह हो गयी जब वो दूसरे के हो गए।



अजीब "दस्तूर है हमारे संग_ज़िन्दगी का हम जैसे ही "खुद" को दूसरों परभरोसा करने का #मौका देते है वही लोग हमे “धोका” देते है।


-


कुछ_लुटकर, कुछ लूटाकर लौट आया हूँ,

वफ़ा की उम्मीद में ‘धोखा’ खाकर लौट आया हूँ |

अब तुम_याद भी आओगी, फिर भी न पाओगी,

हसते लबों से ऐसे सारे ग़म #छुपाकर लौट आया हूँ |


*


रिश्तें_टूट कर चूर चूर हो गये,

धीरे धीरे वो हमसे_दूर हो गये,

हमारी "खामोशी" हमारे लिये गुनाह बन गई,

और वो गुनाह कर के #बेकसूर हो गये।


-


इन #आँखों में आँसू आये न होते अगर वो "पीछे" से मुस्कुराये न होते

उनके जाने के बाद_बस यही गम रहेगा

कि काश वो हमारी #ज़िन्दगी में आये न होते



फिर से उसी 'शक्श' से प्यार की #उम्मीद करता है, 

ऐ दिल तुझें "इज्ज़त" रास नही आती क्या?


-


आहटे_जाग उठी…. रास्ते #हँस दिए!!

थामकर 'दिल' उठे!!! हम किसी के लिए!!!

कई बार ऐसा भी… ‘धोखा’ हुआ है!!!

चले आरहे हैं …वो नज़रे झुकाए!!!


=> 04 - भरोसा धोखा शायरी


उनसे #इनकार करने का 'इरादा' था लेकिन इकरार कर बैठे,

इस दुनिया की #बेरुखी से अंजान थे, इसलिए_प्यार कर बैठे।


-


उनसे #इनकार करने का 'इरादा' था लेकिन इकरार कर बैठे,

इस दुनिया की #बेरुखी से अंजान थे, इसलिए_प्यार कर बैठे।


*


अपने "दिल" की बात उनसे कह नहीं सकते,

बिन कहे भी जी नहीं_सकते, ऐ खुदा! ऐसी

#तकदीर बना,कि वो खुद हम से आकर

कहे कि, हम आपके #बिना जी नही सकते.


-


मैंने खाया है #चिरागों से इस कदर ‘धोखा’, 

मै जल रहा हूँ सालों से मगर "रौशनी" नहीं होती



सुना है वो #जाते हुए कह गये, के अब तो हम सिर्फ़ तुम्हारे "ख्वाबो" मे आएँगे, कोई कह दे उनसे के वो "वादा" कर ले, हम जिंदगी #भर के लिए सो जाएँगे.


-


क्यों "अनजाने" में हम अपना #दिल गवा बैठे।

क्यों प्यार में हम ‘धोखा’ खा बैठे।

उनसे हम अब क्या #शिकवा करे कयोंकि गलती हमारी ही थी।

क्यों हम #बेदिल इंसान से ''दिल'' लगा बैठे।


*


अगर_किसी दिन तुम्हे रोना आये तो कॉल 

जरूर कर लेना, हँसाने की #गारंटी तो नही 

लेता पर_तेरे साथ रोऊँगा जरूर...


-


अब मत_खोलना मेरी #जिंदगी की पुरानी 

किताबों को, जो था वो मैं रहा नहीं जो हूँ 

वो किसी_को पता नहीं।



तू भी "सादा" है कभी चाल #बदलता ही नहीं हम भी #सादा हैं 

इसी चाल में आ जाते हैं 


-


"दिल" से रोये मगर होंठो से #मुस्कुरा बेठे,

यूँ ही हम किसी_से वफ़ा निभा बेठे,

वो हमे एक 'लम्हा' न दे पाए अपने प्यार का,

और हम उनके लिये जिंदगी_लुटा बेठे..


=> 05 - पीठ पीछे धोखा शायरी


लोगों_का क्या है, ये दुनिया हैं यहाँ अपने #हाथों की लकीरें भी_बदल जाती हैं

 साहब. 


-


धीरे से "इज़हार" फिर प्यार और अब बेवफाई,

बड़ी चालाकी से उस "धोखेबाज" ने मुझे बर्बाद कर दिया।

दिल_रोया फिर भी होंठों पर मुस्कान थी,

जो प्यार का एक #लम्हा तक न दे पाया,

उस बेवफा के नाम हमारी पूरी जिंदगी थी।।


*


छोड़ दी किसी "बेवफा" की आस…

जो_रूठ सकते हैं वो भूल भी सकते हैं!


-


‘धोखा’ देकर उसे जरा भी #सिकंज ना था, 

मेरे हर एक वफा को उसने_मोड़ हि दिया था,



उनकी कमी से #दिल मेरा उदास है, पर मुझे तो आज भी उनके_मिलने की आस है, ज़ख़्म नही पर #दर्द का एहसास है, ऐसा लगता है दिल का एक टुकड़ा_आज भी उनके पास है.


-


मेरे न हो सके* तो ऐसा कर दो…

मई जैसा पहले था मुझे #वैसा कर दो!!!


*


खेलते रहे वो मेरी #मोहब्बत के साथ,

जब दिल भर गया तो छोड़ दिया,

जब मैंने_जवाब मांगा तो हंसकर कह दिया,

देने के लिए कुछ नहीं था, तो मैंने ‘धोखा’ ही दे दिया।


-


खेलते रहे वो मेरी #मोहब्बत के साथ,

जब दिल भर गया तो छोड़ दिया,

जब मैंने_जवाब मांगा तो हंसकर कह दिया,

देने के लिए कुछ नहीं था, तो मैंने ‘धोखा’ ही दे दिया।



खेलते रहे वो मेरी #मोहब्बत के साथ,

जब दिल भर गया तो छोड़ दिया,

जब मैंने_जवाब मांगा तो हंसकर कह दिया,

देने के लिए कुछ नहीं था, तो मैंने ‘धोखा’ ही दे दिया।


-


सुना है वो_जाते हुए कह गये, 

के अब तो हम सिर्फ़_तुम्हारे 

#ख्वाबो मे आएँगे,कोई कह दे 

उनसे के वो #वादा कर ले,हम 

जिंदगी भर के लिए सो जाएँगे.


=> 06 - धोखा दिया शायरी डाउनलोड


तेरे इस झूठे "मोहब्बत" के फ़साने में ऐसा खो गया मैं. की तुझे पाने के लिए #दुनिया तो छोड़ो खुद को भी भूल गया मैं।


-


इस 'मतलब' की दुनिया में

इश्क सिर्फ #दिखावा है

तुझे भी ‘धोखा’ मिलेगा

यह मेरा वादा है


*


"यक़ीन" उसी के वादे पे #लाना पड़ेगा

ये ”धोका” तो दानिस्ता 'खाना' पड़ेगा


-


दोस्ती_करो तो हमेशा मुस्करा कर, 

किसी को ‘धोखा’ ना दोअपना बना कर,

करलो_याद जब तक हम ज़िंदा है, 

फिर ना #कहना चले गए हम_में यादें बसाकर


^


"हैसीयत" ही नहीं थी, हमारी तुम्हे चाहने की,

तभी तो 'कोशिश' नहीं की, तुमने वापस_लौट आने की।


-


"दिवारों" के पीछे क्या किरदार हूँ मै?

यह राज़ मेरे #आंगन तक को नहीं पता है,

तुम बस इतना समझ लो इश्क मे "बरबाद" हो गया,

उसका नाम क्या था यह किसी और दिन बताएंगे,


*


तुमने हमें ‘धोखा’ दिया,

मगर 'तुम्हे' प्यार मिले।

मुझसे भी ज़्यादा_दीवाना,

तुम्हे कोई #यार मिले।

-


साथ_जीने मरने का वादा था.

मर के भी साथ न #छोड़ने का वादा था.

सारी_बातों से तू मुखर क्यूँ गयी.

ए सनम तू मुझे “धोका” दे कर चली गयी.

लोग सब बहुत अच्छे होते है बशर्ते..

हमारा वक्त_अच्छा होना चाहिए।


^


पल पल उसका_साथ निभाते हम एक इशारे पे #दुनिया छोड़ जाते हम

समुन्द्र के बीच में पहुच कर_फरेब किया उसने वो कहता तो #किनारे पर ही डूब जाते हम


-


वो "मुझसे" ज्यादा चाहेगा इसे कुछ 

दिनों में ये भरम_टूट जायेगा ,

मैं ज़रूर याद आऊंगा उस बेवफा 

को जब 'उसका' साथ बेवजह उस 

से रूठ जायेगा। 


=> 07 - चुनाव धोखा शायरी


दिल के 'दर्द' को दिखाना बड़ा मुश्किल है.

“धोका” खा कर बताना बड़ा_मुश्किल है.


-


कोई 'तुमसा' भी काश तुम को मिले…

मतलब तो हम को बस #इन्तकाम से है!!


*


‘धोखा’ खाकर भी हम ज़िन्दा हैं,

तेरे दर्द के साथ भी हम_जिन्दा हैं,


-


‘धोखा’ खाकर भी हम ज़िन्दा हैं,

तेरे दर्द के साथ भी हम_जिन्दा हैं,


^


इन #आँखों में आँसू आये न होते अगर वो पीछे से "मुस्कुराये" न होते

उनके जाने के बाद_बस यही गम रहेगा

कि 'काश' वो हमारी ज़िन्दगी में आये न होते


-


इन #आँखों में आँसू आये न होते अगर वो पीछे से "मुस्कुराये" न होते

उनके जाने के बाद_बस यही गम रहेगा

कि 'काश' वो हमारी ज़िन्दगी में आये न होते


*


तेरे बिन #टूट कर बिखर जाएंगे ,

तुम मिल जाओ तो #गुलशन की तरह खिल जाएंगे

तुम ना मिली तो जीते जी मर जाएंगे

तुम्हे जो पा_लिया तो मर कर भी जी जाएंगे।


-


मैं 'मतलबी' नहीं जो साथ रहने_वालो को ‘धोखा’ दे दू..

बस मुझे समझना हर_किसी के बस की बात...


^


#विश्वास तो अपनों पर ही किया जाता है,

अब जाना_ज़ख्म भी उन्हीं से मिलता है।


-


सच्चा #इश्क किया था

तो अब, हम भी "बेवफाई" के गीत गायेंगे

बेवफाई में तेरा नाम न उठे

इसलिए हम आसू_लेकर हर शहर मुकुरायेंगे


=> 08 - प्यार में धोखा बेवफा शायरी


बड़ा ही फर्क था तेरी और मेरी #मोहब्बत में ,

तूने सिर्फ "आज़माया" हमने सिर्फ यकीन किया। 


-


अजीब "जिंदगी" है दोस्तों मेरी

किसी के साथ ‘धोखा’ ना हो इसलिये किसी और को ‘धोखा’ देकर आ गया।

चल #वापिस घर चलते है


*


जीते जी #मौत से रूबरू होना है

तो किसी बेवफा से #मोहब्बत कर लो


-


#किसी का यूँ तो हुआ कौन_उम्र भर 

फिर भी ये हुस्नओ इश्क़ तो ‘धोखा’ है सब मगर फिर...


^


ज़ख्म_भर जाएंगे, तुम मिलो तो सही

दिन सँवर जाएंगे, तुम #मिलो तो सही

#रास्ते में खड़े दो अधूरे सपन

एक घर जाएंगे, तुम_मिलो तो सही..


-


#चाहूँ तो भी मैं अपनी कहानी किसी से_भी नहीं कह सकता. उसमे नाम 'तेरा' भी आएगा और मैं तुझे "बेज़्ज़त" नहीं कर सकता।


*


तेरे जाने के बाद अब #ज़िन्दगी में कुछ भी हसीन नहीं रहा, तुझे खुदा #बनाने के बाद तो अब मुझे खुदा पर भी "यकीन" नही रहा।


-


‘धोखा’ देकर ऐसे चले गए,

जैसे कभी जानते ही नहीं थे.

अब ऐसे_नफरत जताते हो,

जैसे प्यार को मानते ही नहीं थे।


^


हमे लगा हमे देख कर #मुस्कुराना सीखा है 

उन्होंने, पर वो तो 'पैसों' से मुस्कुराया करते थे।


-


पल_पल उसका साथ निभाते हम

एक इशारे पे #दुनिया छोड़ जाते हम

समुन्द्र के बीच में पहुच कर #फरेब किया उसने

वो कहता तो "किनारे" पर ही डूब जाते हम


=> 09 - परिवार से धोखा शायरी


हर हीरा_चमकदार नहीं होता,

हर समंदर गहरा नहीं होता…

दोस्तो जरा #संभल कर प्यार करना,

हर खूबसूरत चेहरा_वफादार नहीं होता…


-


दिल_किसी से तब ही लगाना जब #दिलो को परखना सिख लो

हर एक चेहरे की 'फितरत' में वफादारी नहीं होती


*


*यक़ीन* उसी के वादे पे लाना पड़ेगा

ये ”धोका” तो दानिस्ता_खाना पड़ेगा


-


सच्चे_दिल जब_मिलते है 

तो 'धोखे' का वजूद नहीं छोड़ते.


^


कितने "मकसदो" के साथ जी रहे थे हम

उस बेवफा ने ‘धोखा’ क्या दिया

मेरी #Life का हर मकसद

हमसे छीन लिया

सनम_बेवफा


-


‘धोखा’ देकर ऐसे चले गए

जैसे कभी जानते ही नहीं थी

अब ऐसे #नफरत जताते हो

जैसे प्यार को मानते ही नहीं थे


*


‘धोखा’ मिला जब "प्यार" में ज़िन्दगी में

उदासी छा गई,

सोचा था छोड़ देंगे इस राह को

कम्बख़त "मोहल्ले" में दूसरी आ गई


-


तुझसे 'प्यार' बहुत ज्यादा था,

तेरी हर बात का मुझे "अंदाजा" था,

तुने मुझे #अचानक कुछ ऐसा दर्द दे दिया,

‘धोखा’ का तोहफ़ा मेरे_दिल को दे दिया,


^


साथ_जिने मरने का वादा था

मर के भी साथ ना #छोड़ने का वादा था,

सारी 'बातो' से तू मुखर क्यों गयी,

ऐ सनम तू मुझको ‘धोखा’ देकर चली गयी,

अब जरूरत नहीं किसी की भी,

अब उदासी_से ही मेरी बनती है.


-


अब मत खोलना मेरी "जिंदगी" की पुरानी

"किताबों" को, जो था वो मैं रहा नहीं जो हूँ

वो किसी को पता नहीं।


=> 10 - धोखा शायरी रेख़्ता


आदमी_जान के खाता है "मोहब्बत" में फ़रेब 

ख़ुद-फ़रेबी ही 'मोहब्बत' का सिला हो जैसे 


-


#हवस ने पक्के मकान

बना लिए हैं 'जिस्मो' में

और सच्ची_मोहब्बत किराए की

झोपड़ी में #बीमार पड़ी है आज भी


*


चमक_चमक के सितारो मुझे #फ़रेब न दो

तुम अपनी रात_गुज़ारो मुझे फ़रेब न दो


-


दिल 'हज़ार' बार चीखे उसे #चिल्लाने दीजिए,

जो आपका नही हो सकता उसे जाने दीजिए।


^


उम्मीद न कर_इस दुनिया में,

किसी से 'हमदर्दी' की,बड़े प्यार

से जख्म देते है, शिद्दत से चाहने

वाले !


-


कोई भी #मुझे हरा कर मेरी जान लेजा सकते हैं,

हम इतना अपने अंदर #जुनून रखते हैं,

लेकिन मुझे कोई...


*


उन्हें "बेवफा" बोलूं तो अपमान है वफ़ा का!

वो तो वफ़ा #निभा रहे हैं…

कभी इधर कभी उधर…


-


‘धोखा’ देकर कोई नहीं

बचता इस #जिंदगी में

किसी ना किसी की बद्दुआ

जिंदगी_तबाह कर ही देती है


^


न तुमको कोई ऐसा #मौका देते की तुम “धोका” देते.

अच्छा होता #बेडियो से बाँध कर

अपने 'गिरफ्त' में रखते.


-


‘धोखा’ ना देना कि तुझपे ऐतबार बहुत है,

ये दिल तेरी चाहत का #तलबगार बहुत है,

तेरी 'सूरत' नादिखे तो "दिखाई" कुछ नहीं देता,

हम क्या करें कि तुझसे हमें #प्यार बहुत है..


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