चाँद शायरी हिन्दी मे | 499+ BEST Chand Shayari in Hindi

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=> 01 - टॉप Chand Shayari in Hindi With Images


उसके चेहरे की चमक के सामने सब सादा लगा

आसमान पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा!


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यक़ीन चाँद पे सूर में एश्तिबार भी रख

मगर निगाह में थोड़ा सा इंतिज़ार भी रख!


*


चाँद तो अपनी चाँदनी को ही निहारता है

उसे कहाँ खबर कोई चकोर प्यासा रह जाता है!


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नजर में आपकी नज़ारे रहेंगे पलकों पर चाँद सितारे रहेंगे

बदल जाये तो बदले ये ज़माना हम तो हमेशा आपके दीवाने रहेंगे!



वैसे तो कई दोस्त है हमारे जैसे आसमान में है कई तारे

पर आप दोस्ती के आसमान के वो चाँद है जिसके सामने

फीके पड़ते हैं सारे सितारे!


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चाँद से तुझ को जो दे निस्बत सो बे इंसाफ़ है

चाँद के मुँह पर हैं छाईं तेरा मुखड़ा साफ़ है!


*


चाँद तारो में नज़र आये चेहरा आपका

जब से मेरे दिल पे हुआ है पहरा आपका!


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चाँद में नज़र कैसे आए तेरी सूरत मुझको

आँधियों से आसमाँ का रंग मैला हो गया।



ऐ चाँद मुझे बता तू मेरा क्या लगता है

क्यों मेरे साथ सारी रात जागा करता है

मैं तो बन बैठा हूँ दीवाना उनके प्यार में

क्या तू भी किसी से बेपनाह मोहब्बत करता है।


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ऐ सनम जिसने तुझे चाँद सी सूरत दी है

उसी अल्लाह ने मुझको भी मुहब्बत दी है!


=> 02 - Chand Shayari Gulzar in Hindi


पूछो इस चाँद से कैसे सिसकते थे हम

उन तन्हा रातों में तकिये से लिपटकर रोते थे हम

तूने तो देखा नही छोड़ने के बाद

दिल का हर एक राज़ चाँद से कहते थे हम।


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डूब चुका जब नील गगन की झील में तेरा हर वादा

चमक रहा था मेरे दिल में फिर भी तेरे ग़म का चाँद!


*


न चाहकर भी मेरे लब पर

ये फरियाद आ जाती है

ऐ चाँद सामने न आ

किसी की याद आ जाती है।


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काश हमारी क़िस्मत में ऐसी भी कोई शाम आ जाए

एक चाँद फ़लक पर निकला हो एक छत पर आ जाए।



बादल चाँद को छुपा सकता है

आकाश को नहीं हम सब को

भुला सकते हैं आपको नहीं !


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दीदार- ए- चांद वाली रात आयी है

बाजारों में रौनक और घरों में

खुशियों की सौगात लायी हैं !


*


जिस चाँद के हजारों हो चाहने वाले

वो क्या समझेगा एक सितारे की कमी को !


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वो चाँद कह के गया था कि आज निकलेगा

तो इंतज़ार में बैठा हुआ हूँ शाम से ही मैं !



चाँद के लिए सितारे अनेक है

लेकिन सितारों के लिए चाँद एक है

आपके लिए तो हज़ारों होंगे

लेकिन हमारे लिए आप एक हैं !


-


चाँद के लिए सितारे अनेक है

लेकिन सितारों के लिए चाँद एक है

आपके लिए तो हज़ारों होंगे

लेकिन हमारे लिए आप एक हैं !


=> 03 - चाँद शायरी २ लाइन इन हिंदी


सुबह हुई कि छेड़ने लगता है सूरज मुझको

कहता है बड़ा नाज़ था अपने चाँद पर अब बोलो !


-


मुझे तो रोक लिया उसे कैसे रोकोगी तुम

वो जब चांद तुम्हें देखेगा उसे कैसे टोकोगी तुम !


*


रात भर करता रहा

तेरी तारीफ चांद से

चाँद इतना जला की

सुबह तक सूरज हो गया !


-


रात भर करता रहा

तेरी तारीफ चांद से

चाँद इतना जला की

सुबह तक सूरज हो गया !



चाँद में नज़र कैसे आए तेरी सूरत मुझको

आँधियों से आसमाँ का रंग मैला हो गया !


-


चाँद के दीदार में तुम

छत पर क्या चली आई

शहर में ईद की

तारीख मुक्कमल हो गयी !


*


पत्थर की दुनिया jazbaat नहीं समझती

दिल में क्या है वो baat नहीं समझती

तनहा तो चाँद भी sitaro के बीच में है

पर चाँद का दर्द वो raat नहीं समझती !


-


न चाहते हुए भी मेरे लब पर

ये फरियाद आ जाती है

ऐ चाँद सामने न आए

सनम की याद आ जाती है !



देखने के बाद आपको हमें होश कहां रहेगा

हम रहेंगे वहाँ जहाँ चांद हमारा रहेगा !


-


रात को जब चाँद सितारे चमकते हैं

हम हरदम आपकी याद में तड़पते हैं

आप तो चले जाते हो छोड़कर हमें

हम रात भर आपसे मिलने को तरसते हैं !


=> 04 - पूर्णिमा के चाँद पर शायरी


तू अपनी निगाहों से न dekh खुद को

चमकता हीरा भी तुझे patthar लगेगा

सब कहते होंगे चाँद का tukda है तू

मेरी नजर से chand तेरा टुकड़ा लगेगा !


-


कितना हसीन चाँद सा चेहरा है, उस पर शबाब

का रंग गहरा है, खुदा को यकीन न था वफ़ा पर

तभी चाँद पर तारों का पहरा है !


*


सारी रात गुजारी हमने इसी Intzaar में की

अब तो चाँद निकलेगा AAdhi रात में !


-


एक अदा आपकी दिल चुराने की

एक अदा आपकी दिल में बस जाने की

चेहरा आपका चाँद सा और एक

हसरत हमारी उस चाँद को पाने की !



एक अदा आपकी दिल चुराने की

एक अदा आपकी दिल में बस जाने की

चेहरा आपका चाँद सा और एक

हसरत हमारी उस चाँद को पाने की !


-


काश मैं उनका अंबर

वो मेरी चांद बन जाए

कुछ इस तरह हम दोनों

एक दूजे के हो जाए..!


*


सुनो मेरी जान चांद

को जगह दिखानी होगी

बस तुम्हे माथे पर एक

दिन बिंदिया लगानी होगी..!


-


ना छत पर है कभी आता

ना घर से कभी निकलता है

मेरा महबूब जैसे चांद सा

घटाओ में छिपता है..!



कड़ी धूप में भी हो

जाता है अंधेरा उसके

बिना वह शख्स मुझे

चांद से भी ज्यादा प्यारा है..!


-


तू चाँद और मैं सितारा होता, आसमान में एक आशियाना हमारा होता,

लोग तुम्हे दूर से देखते,नज़दीक़ से देखने का, हक़ बस हमारा होता..


=> 05 - चाँद शायरी दर्द


चाँद तारो में नज़र आये चेहरा आपका,

जब से मेरे दिल पे हुआ है पहरा आपका...


-


मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहीं,

चमकता सूरज भी तो ढल जाता है चाँद के लिए...



*


कुछ तुम कोरे कोरे से, कुछ हम सादे सादे से

एक आसमां पर जैसे, दो चाँद आधे आधे से..


-


रात में एक टूटता तारा देखा बिलकुल मेरे जैसा था,

चाँद को कोई फर्क नहीं पड़ा बिलकुल तेरे जैसा था...



एक खोया खोया चाँद हे जो हे खफा खफा…

एक टुटा टुटा ख्वाब हे जो हे तुझसे हे जुड़ा…

एक आधी आधी आस हे जो अधूरी रह गयी…


-


कौन कहता है क़ि चाँद तारे तोड़ लाना ज़रूरी है,

दिल को छू जाए प्यार से दो लफ्ज़, वही काफ़ी है…


*


सारी रात गुजारी हमने इसी इन्तजार में की,

अब तो चाँद निकलेगा आधी रात में....


-


चाँद से प्यारी चादनी,

चादनी से प्यारी रात,

रात से प्यारी ज़िन्दगी,

ज़िन्दगी से प्यारे आप ...



वो चाँद कह के गया था कि आज निकलेगा,

तो इंतिज़ार में बैठा हुआ हूँ आज शाम से मैं..


-


बुझ गये ग़म की हवा से, प्यार के जलते चराग,

बेवफ़ाई चाँद ने की, पड़ गया इसमें भी दाग...


=> 06 - चाँद पर शायरी Rekhta


मोहब्बत थी तो चाँद अच्छा था,

उतर गई तो दाग भी दिखने लगे..


-


रात भर तेरी तारीफ़ करता रहा चाँद से,

चाँद इतना जला, कि सूरज हो गया...


*


ख्वाबो की बातें वो जाने जिनका नींद से रिश्ता हो,

मैं तो रात गुजारती हुँ चाँद को देखने में…


-


चाँद के साथ कई दर्द पुराने निकले

कितने ग़म थे जो तेरे ग़म के बहाने निकले


^


दमक तो सकते है हम भी गैरों की चमक चुराके,

मगर उधार की रोशनी का चाँद बनना हमें मंजूर नहीं..


-


चाँद सा चेहरा देखने की इजाज़त दे दो मुझे, ये शाम सजाने के इजाज़त दे दो मुझे,

क़ैद करलो अपने इश्क़ में या,इश्क़ करने के इजाज़त दे दो मुझे


*


ऐ सनम जिसने तुझे चाँद सी सूरत दी है...

उस ही मालिक ने मुझे भी तो मोहब्बत दी है..


-


तस्वीर बना कर तेरी आस्मां पे टांग आया हूँ ,

और लोग पूछते हैं आज चाँद इतना बेदाग़ कैसे है..


^


चाँद तो अपनी चाँदनी को ही निहारता है,

उसे कहाँ खबर कोई चकोर प्यासा रह जाता है..


-


रातों में टूटी छतों से टपकता है चाँद,

बारिशों सी हरकतें भी करता है चाँद..


=> 07 - चाँद पर गजल


तौबा ये मतवाली चाल, झुक जाए फूलों की डाल, चाँद और सूरज आकर माँगें, तुझसे रँग-ए-जमाल हसीना! तेरी मिसाल कहाँ?


-


: खोया\-खोया चांद, खुला आसमां, आँखों में सारी रात जाएगी, तुमको भी कैसे नींद आएगी 


*


 मुझे चाँद पे ले चलो, तारे दिखा दो मुझे है रात भर का सफ़र ये कल को ना मिला मुझे


-


 मेरे सामने वाली खिड़की में, एक चांद का टुकड़ा रहता है, अफ़सोस ये है के वो हमसे, कुछ उखड़ा उखड़ा रहता है, जिस रोज़ से देखा है उसको, हम शमा जलाना भूल गए, दिल थाम के ऐसे बैठे हैं, कहीं आना जाना भूल गए, अब आठ पहर इन आँखों में वो चंचल मुखड़ा रहता है


^


चाँद मेरा दिल चांदनी हो तुम चाँद से है दूर चांदनी कहाँ, लौट के आना है यहीं तुमको, जा रहे हो तुम जाओ मेरी जान


-


चाँद जैसे मुखड़े पे बिन्दिया सितारा, नहीं भूलेगा मेरी जान ये सितारा वो सितारा, माना तेरी नज़रों में मैं हूँ एक आवारा हो आवारा।


*


चाँद जैसे मुखड़े पे बिन्दिया सितारा, नहीं भूलेगा मेरी जान ये सितारा वो सितारा, माना तेरी नज़रों में मैं हूँ एक आवारा हो आवारा।


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 ये पूरा चांद बिल्कुल तुम सा खूबसूरत होता है, लेकिन ऐसा सिर्फ कभी-कभी ही होता है।


^


 ये पूरा चांद बिल्कुल तुम सा खूबसूरत होता है, लेकिन ऐसा सिर्फ कभी-कभी ही होता है।


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तुम मेरे जीवन के चांद बन जाओ, और मैं हमेशा के लिए तुम्हारी चांदनी बन जाऊं।


=> 08 - चाँद पर विचार


इंसान महबूब बदलने की सोचता है, इक चाँद जो आकाश का हमेशा रहता हैं।


-


न जाने क्या मजहब है इस चांद का, ईद भी इसकी, करवा चौथ भी इसका।


*


न जाने क्या मजहब है इस चांद का, ईद भी इसकी, करवा चौथ भी इसका।


-


वो आसमां में ताकते रहे ईद का चांद, हम उन्हें नजर भर देखकर ईद मना आए।


^


ईद का चाँद तुम ने देख लिया, चाँद की ईद हो गई होगी। 


-


मोहब्बत में दिल मेरा खो गया है, महबूब मेरा ईद का चाँद हो गया है।


*


ईद के चांद को देखकर तुम्हें याद करते हैं, वो भी एक दौर था जब तुम्हें ऐसे ही घंटों निहारा करते थे।


-


हम ताकते रहे राह उनकी उम्र भर खड़े यूं चौराहे पर, जिन्हें दिख गया वो चांद, उनकी ईद हो गई।


^


 रात्रि का वक़्त और आकाश में लालिमा है, क्या तुम्हें पता है आज शरद पूर्णिमा है।


-


हम सफर हो कोई अपना भी जिंदगी में, कब तक छत पर यूं चांद ताकते रहेंगे।


=> 09 - ईद के चाँद पर शायरी


ए-खुदा उसे सुबह का चांद और मुझे शाम का सूरज बना दे, मिले ऐसे कि मैं उसमें समा जाऊं और वो मुझमें समा जाए।


-


जिंदगी में जब अकेलापन ज्यादा बढ़ जाएँ, तो किसी रोज शाम के वक़्त छत पर जाकर चाँद के साथ थोड़ा वक़्त जरूर बिताना।


*


आज आसमां में चांद पूरा है, तारे भी अपने पूरे रूबाब में हैं, फिर भी हमारे महबूब से ये सब फीके हैं।


-


क्यों रातों को तू जागता रहता है ए-चांद, बता किस से तुझे मोहब्बत-ए इजहार हुआ है।


^


जिक्र तेरी खूबसूरती का जो किया तो वो चांद भी शरमाया, हम किस्से पर किस्सा सुनाते गए वो बादलों में गुम होता गया।


-


काश कि मैं आसमान का एक तारा होता, तुम मुझे और मैं तुम्हें प्यारा होता, देखती दुनिया जिस चांद को दूर से, उसे करीब से देखने का हक सिर्फ मेरा होता।


*


चाँद की चाँदनी से एक पालकी बनाई हैं, यह पालकी मैंने तारों से सजाई हैं, ऐ हवा जरा धीरे-धीरे चलना मेरे दोस्त को बड़ी प्यारी नींद आई हैं।


-


 ए-खुदा तूने भी बड़ा सितम किया है आशिकों पर, बनाया गर चांद तो महबूब मेरे नसीब में क्यों नहीं।


^


 ए-खुदा तूने भी बड़ा सितम किया है आशिकों पर, बनाया गर चांद तो महबूब मेरे नसीब में क्यों नहीं।


-


 कह दो इन अंधेरों से कि अब उनसे डर नहीं लगता मुझे, चांदनी हाथ थामे हर कदम पर मेरे साथ है।


=> 10 - चाँद पर शायरी in English


होता जाता है जब तेरे चांद से चहरे का दीदार, खुदा कसम दिल में उमड़ पड़ता है प्यार।


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आज मुद्दतों बाद मुझे मेरे चांद का दीदार तो हुआ, बेशक एक दूसरे से हम गले लगकर न मिले, पर दो घड़ी ही सही उसका दीदार तो हुआ।


*


 कौन कहता है कि मोहब्बत में चांद तारे तोड़ लाना जरूरी है, कह दें वो प्यार हमसे करते हैं, हमारे लिए इतना ही काफी है।


-


वो चांद सी शीतल, मैं सूरज सा गर्म, मिलन की आस लगाएं भी तो कैसे?


^


न वो चांद चाहिए न वो सितारे चाहिए, मुझे बस मेरी मोहब्बत की सलामती चाहिए।


-


ढल गई शाम और चारों ओर अंधेरा छाने लगा, तभी निकल आया चांद और आसमां पर सितारे छाने लगे, हम भी धीरे-धीरे उनकी यादों में खोने लगे, चांदनी देख ऐसा महसूस हुआ जैसे हमारा महबूब पास आने लगा।


*


 लाख कोशिश कर ले बादल, चांद को मुझसे छिपाने की, लिखवा के लाया हूं मैं किस्मत में उसे खुदा से।


-


 सफ़र-ए-जिंदगी कुछ इस कदर सुहाना हो जाएँ, बन जाऊं मैं चाँद और पूरा शहर दीवाना हो जाएँ।


^


: पूर्णिमा का चांद समझकर मोहब्बत की थी उनसे, वो अमावस की रात बन मेरे जीवन में अंधकार कर गए।


-


खीर में घुले अमृत, चांदनी रात की गरिमा है, मिलन दो ऋतुओं का शीतल शरद पूर्णिमा है।


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