कदर शायरी हिन्दी मे | 199+ BEST Kadar Shayari in Hindi

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=> 01 - टॉप Kadar Shayari in Hindi With Images


 कदर किसे किसकी है, अपने सिवा किसको खबर किसकी है।


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वफ़ा कीजिए तो परवाह कीजिए, यूँ ना किसी को खफा कीजिए।


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दूसरों से कद्र चाहने की पहली शर्त होती है दूसरों की कद्र करना।


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वहां रखना क़दर नहीं जिस गली तुम्हारी कदर नहीं।



अब रिश्ता अब टूटने को है जिसमे एक दुसरे के लिए क़द्र बाकी नहीं।


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 रोटी की कद्र भूखे से पूछिए, बारिश की क़ीमत रूखे से पूछिए।


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आज जिन्हे खबर तक नहीं मेरा एक दौर आएगा जब मेरी क़दर करेंगे।


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जहाँ आपकी क़दर ना हो वहां अपना बसर मत करो।



 कदर जो खोने के बाद आए उसे क़दर नहीं अफ़सोस कहते हैं।


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सारी दुनिया देखते हो कभी मेरी और भी नज़र किया करो, दूसरों का ख्याल रखते हो कभी मेरी भी क़दर किया करो।


=> 02 - Kadar Shayari in Urdu


 जो मिल गया उसका मोल गया, फिर उसकी क़ीमत याद आई जब वो खो गया।


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सितम करने की क्यों कम कसर नहीं करते, सनम तुम ज़रा भी मेरी कदर नहीं करते।


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उस रिश्ते में मोहोब्बत मुँह मोड़ लेती है जहाँ एक दुसरे के किरदार की क़दर नहीं होती।


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 लगता है कभी कभी तू वो डगर नहीं मेरी, क्यूंकि तुझे संग चलने की कदर नहीं मेरी।



तू क़दर करना सीख ले मेरी, वरना हम तेरी तरह बेक़द्री करना सीख जाएंगे।


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 कद्र करो हर कदम पर उनकी, जिन्होंने ज़िन्दगी के हर सफर में तुम्हारे क़दम से क़दम मिलाया हो।


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- समंदर ने जब लहरों की कद्र करना छोड़ दिया, तब समंदर की ख़ूबसूरती ही ख़त्म हो गई।


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 अजीब लोग हैं पहले कद्र नहीं करते और बाद में काम आने पर फट से याद करने में शर्म नहीं करते।



- एक ख्वाहिश पूरी ना होने पर लोग खुदा की कद्र करना भूल जाते हैं हम तो फिर भी इंसान है।


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 वक़्त रहते कद्र कर लो अपने चाहने वालों की वरना जब वक़्त बताएगा उनकी कद्र के बारे में तब वो तुम्हे चाहना छोड़ देंगे।


=> 03 - बे कदर शायरी


कद्र करों कर्मों की धर्म भी यही सिखाता है।


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- ज़माना चाहे बेकद्री करे तुम्हारी पर तुम अपनी नज़रों में अपनी कद्र करना कभी मत छोड़ना।


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वो जहान भी कितना खूबसूरत होगा, जहाँ कदर करने से पहले इंसान किसी भी व्यक्ति के कपड़े और उसकी हैसियत नहीं देखेगा।


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 मत हार इतनी जल्दी मुसीबत के आगे थोड़ा तो सब्र कर, मत टेक घुटने इतनी आसानी से अपनी थोड़ी तो कद्र कर।



वो इंसान हर व्यक्ति के दिल में बस जाता हैं, जो अपने से छोटा हो या बड़ा हर इंसान की कद्र कर जाता है।


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वह रिश्ता टूट जाता है जहाँ दोनों लोग एक दूसरे की कद्र करने की बजाय अपनी अपनी कद्र पर ध्यान देने लगते हैं।


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 उस बड़े घर के लड़कों को किताब की कद्र ही नहीं, और एक वो गरीब का बच्चा है जो कूड़े से अखबार उठा कर पढ़ रहा है।


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किसी के एहसान की नहीं हर इंसान की कद्र करो।



भगवान् से बस यही दुआ है की चाहे जैसे मर्ज़ी हालत हों हाथ फ़ैलाने की कभी नौबत ना आए।


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अक्सर उन्हें आपकी कदर नहीं होती, जिन्हे आपके प्यार की जरा भी कद्र नहीं होती।


=> 04 - कीमत कदर शायरी


 बस मेहनत और सब्र कर जिन्हे आज मालूम भी नहीं की तू कौन है, कल उन्हें ही तेरी सबसे ज्यादा कद्र होगी।


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शुरुवात में ही मत गिनना बस थोड़ा सा सब्र करना जल्द ही पता लग जाएगा की तुम्हारी कद्र करने वाले कितने हैं।


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 एक बार मदद करना बंद कर दो तो पता लगता है की कदर करने वाले कितने हैं।


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कद्र तो बस नई चीज़ की होती है, पुरानी चीज़ हो चाहे रिश्ता इंसान उसे बदलने की या फिर फेंकने की सोचता है।



अपने आपको जो बहुत क़ीमती समझ लेते हैं, उन्हें इस गलती की बहुत भारी क़ीमत चुकानी पड़ती है।


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कद्र किसी चीज़ की पाने तक की होती है, पाने के बाद हीरे की क़ीमत भी आने तक को होती है।


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अहमियात इंसान की बस तब तक है बाज़ार में, जब तक कुछ खरीदने के लिए उसकी जेब में पैसा है।


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बड़ों की अहमियत अब कहाँ उतनी अहम है, बड़ा होकर बच्चा उसकी इज़्ज़त करेगा हर बाप को ये वहम है।



कुछ चीज़ों की अहमियत खोने के बाद पता चलती है, पर तब कुछ करने के नाम पर बस पछतावा रह जाता है।


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जब बरसात से सड़कें भर जाती है, तब मेंढक भी कुँए की कद्र करना छोड़ देते हैं।


=> 05 - रिश्तों की कदर शायरी


भरोसा नहीं कर सकते ज़माने में किसी का जो आज तक आपकी कद्र करना नहीं छोड़ रहे हो सकता है कल आपको बेइज़्ज़त करने में कोई कसर ना छोड़ें।


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 घमंड जब सर चढ़ जाता हैं, तो इंसान किसी की कद्र करना भूल जाता है।


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कद्र की आवाज़ ऐसी होती है जो बिना कहे सामने वाले को बता देती है की आप उनसे कितना प्यार करते हो।


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 जहाँ रहने के लिए घर मिल जाए पर घर के लोगों से कदर ना मिले, ऐसे घर पर रहने से अच्छा सड़क पर रहना है।



कद्र कर अपने अपनों की तू होगा अपनी दुनिया में बहुत कुछ पर अपनों के बिना इस दुनिया में तेरा कोई वजूद नहीं है।


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 दूर रहना उन लोगों से जो आपकी कद्र सिर्फ तब तक करते हैं जब तक काम हो।


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 वक़्त और कद्र बहुत कीमती है आज कल के ज़माने में ये बस उसके लिए निकले जाते हैं जिनसे कम निकलता हो।


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कद्र सिर्फ उनकी होती है ज़माने में जो काम का होता है वरना उम्र में बड़ा इंसान बस नाम का होता है।



किसी को इतना भी सर पर मत बैठा लेना की सर दर्द बन जाए और किसी की इतनी भी खुशामद मत करना की वो आपके लिए बेकदर हो जाए।


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 सयाना है ज़माना आज कल नमक स्वाद अनुसार और कद्र ज़रुरत अनुसार ही होती है।


=> 06 - अहमियत शायरी


आज फिर कुछ पुराने यार याद कर रहे हैं मुझे, समझ नहीं आ रहा अब उन्हें मेरी कद्र है या मेरी ज़रुरत है।


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 अपने प्यार की परवाह कीजिए, वरना कोई ज़रूरी नहीं की प्यार कीजिए।


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प्यार का असर उस रिश्ते में ख़त्म हो जाता है, जहाँ एक दूसरे की कद्र करना कम हो जाता है।


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जिन्हे नींद से प्यार है वो सुहाने सपने देखते रहते हैं, पर जिन्हे अपने सपनों की कद्र है उन्हें नींद तक नहीं आती है।


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 दूर कितने हुए सबको सब खबर होती है, नज़दीक रहने वालों की कद्र तक नहीं है।


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 उसे लौटना होगा तो लौट आएगा क़द्र तो उसकी करो जिसे तुमसे दूर जाने में भी डर लगता है।


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क़द्र करो उस इंसान की जो सबसे पास है तुम्हारे, जो नज़दीक भी नहीं आना चाहते उनका तो ख्याल करना भी छोड़ दो।


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जो मिला नहीं उसे पाने की ख्वाहिश ज़रूर करना, पर जो मिला है उसकी बेकद्री मत करना।


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 ज़िन्दगी में इतना सफर करने के बाद एक बात तो सीख ली है मैंने की उस गली में कभी अपना कदम भी मत रखना जहाँ के लोग आपकी क़द्र ना करते हों।


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यहाँ गरीब ज़मीन पर पड़ी रोटी भी हंसी ख़ुशी खा लेता है, वहां अमीर हाथ से मिली रोटी की भी क़द्र नहीं करता।


=> 07 - मेरे प्यार की कदर नहीं शायरी


हाथ पैर सब ठीक होने पर भी वो इंसान कुछ नहीं कर सकता, जिसने समय की हमेशा बेकद्री की है।


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हमसे एक भूल क्या हुई छोटी सी, उसने बड़ी बेसब्री से क़द्र को कब्र में डाल दिया।


*


क़द्र करने से कतराते हैं, पर बेकद्री करने में कोई कसर नहीं छोड़ता।


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 उस इंसान की कद्र कम की जाती है ज़माने में, जो किसी इंसान की कद्र नहीं करता।


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 क़द्र कम हो जाती है जब काम पूरा हो जाता है दस्तूर यही है ज़माने का।


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कदर करना सीखो उस प्यार की,

जो बिना मतलब के चाहत रखते है,

दुनिया में ऐसे लोग कम मिलते है जो,

प्यार का इजहार खुलेआम करते है।


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गरीब हो या अमीर, सबकी कदर करते है,

इंसानियत को हम अपनी नजर में रखते है।


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ना तोड़ो रिश्तें थोड़ा सबर करो,

हर प्यार भरे रिश्तें की कदर करो।


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काश मैंने उस वक्त उसकी कदर की होती,

तो आज वो मेरी, और सिर्फ मेरी हीं होती।


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जो सफल और काबिल है, उसी की कदर है,

इंसान का चेहरा याद नही आता, इतना बड़ा शहर है।


=> 08 - सच्चे प्यार की कदर शायरी


सीख जाओ वक्त पर किसी की चाहत की कदर करना,

कहीं कोई थक ना जाए तुम्हें एहसास दिलाते दिलाते।


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यही तो फितरत है इंसान की,

मोहब्बत ना मिले तो सब्र नहीं कर पाते,

और मिल जाए तो,

उसकी कदर नहीं कर पाते।


*


कदर करनी है तो जीते जी करो,

वरना मरने पर तो नफरत करने वाले भी रो पड़ते हैं।


-


तन्हाइयों में होगी तुझे मेरी कदर,

अभी तो बहुत लोग है तुम्हारे पास बात करने को।


^


शिकायतें कितनी भी हो उन्हें दिल में नही रखनी चाहिए,

माँ-बाप की सेवा और कदर पूरी जिन्दगी करनी चाहिए।


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ठोकर ना लगा मुझे पत्थर नही हूँ मैं,

हैरत से ना देख कोई मंज़र नही हूँ मैं,

उनकी नज़र में मेरी कदर कुछ भी नही,

मगर उनसे पूछो जिन्हें हासिल नही हूँ मैं।


*


ये दिल उसी इंसान पर मरता है,

जो हमारी कदर नही करता है।


-


रिश्तों की कदर पैसों की तरह करनी चाहिए,

क्योंकि दोनों को कमाना कठिन और गवाना आसन है।


^


माना तेरी नजरों में मेरे प्यार की कदर कुछ भी नही,

तेरे खातिर मैंने हुश्न की मलिका को पलट कर देखा नही।


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जो अपनी परिश्रम से गदर करते है,

दुनिया वाले उन्हीं की कदर करते है।


=> 09 - रिश्तों की कदर स्टेटस


जो अपने माँ-बाप की कदर करते है,

दुनिया उनकी कदर करती है।


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माँ-बाप की हमेशा कदर किया करो,

क्योंकि वो बेवजह प्यार किया करते है।


*


माँ-बाप की हमेशा कदर किया करो,

क्योंकि वो बेवजह प्यार किया करते है।


-


रिश्ते तोड़ने भी तो नहीं चाहिए,

लेकिन जहां कदर ना हो वहां निभाने भी नहीं चाहिए।


^


कदर किरदार की होती है,

वरना कद में तो साया भी इंसान से बड़ा होता है।


-


जहाँ कदर न हो अपनी वहाँ जाना फ़िज़ूल है,

चाहे किसी का घर हो चाहे किसी का दिल।


*


बड़ा मुश्किल होता है उस इंसान से प्यार करना,

जिस इंसान को प्यार की ही कदर ना हो।


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जिस घर में माँ की कदर नही होती,

उस घर में कभी बरकत नही होती।


^


जो मुफ्त में मिलता है,

उसकी कदर कौन करता है।


-


वक्त रहते वक्त की कदर करना सीख गये,

तो तुम बहुत कुछ पाओगे

वरना बहुत कुछ खोओगे,

और बहुत कुछ अपने हाथों से गँवाओगे।


=> 10 - उसको मेरी कदर नहीं


वक्त रहते वक्त की कदर करना सीख गये,

तो तुम बहुत कुछ पाओगे

वरना बहुत कुछ खोओगे,

और बहुत कुछ अपने हाथों से गँवाओगे।


-


एक-दूसरे की कदर कीजिये, तभी रिश्ते निभा पाएंगे,

वरना खून के रिश्ते भी, बस नाम के रह जायेंगे।


*


अपनो से रिश्ता कभी नही तोड़ना चाहिए,

पर कदर ना हो तो निभाना भी नही चाहिए।


-


चले जायेंगे तुझे तेरे हाल पर छोड़कर,

कदर क्या होती है, ये तुझे वक़्त सिखायेगा।


^


अगर आप चाहते हो की आपके बच्चे कदर करे,

तो अपने बच्चों के जीवन में संस्कार को भरे।



-


जिसे कदर होती है वो छोड़ कर जाते नही,

छोड़ कर जाने वाले कभी लौट कर आते नही।



*


इंसान पैसे के लिए हर दर्द सहता है,

इंसान कितना ज्यादा पैसे की कदर करता है।


-


जिस कदर उसकी कदर की हमनें,

उस कदर बे कदर हुए हम


^


उगते सूरज को सलाम करता है ये शहर,

लंगड़े घोड़े की यहाँ कोई नही कदर।


-


रिश्तों की कदर भी पैसों की तरह कीजिए जनाब,

दोनों का गवाना आसान है कमाना मुश्किल।


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