मन के लिए शायरी हिन्दी मे | 499+ BEST Man Ke Liye Shayari in Hindi

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=> 01 - टॉप Man Ke Liye Shayari in Hindi With Images


जब भी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है,

माँ दुआ करती हुई ख्वाब में आ जाती है।


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चलती फिरती आँखों से अज़ाँ देखी है,

मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है।


*


कदम जब चूमले मंज़िल तो जज़्बा मुस्कुराता है,

दुआ लेकर चलो माँ की तो रस्ता मुस्कुराता है।


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माँ की बूढी आंखों को अब कुछ दिखाई नहीं देता,

लेकिन वर्षों बाद भी आंखों में लिखा हर एक अरमान पढ़ लिया।



ये ऐसा क़र्ज़ है जो मैं अदा कर ही नहीं सकता,

मैं जब तक घर न लौटूं, मेरी माँ सज़दे में रहती है।


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किसी भी ​मुश्किल का अब किसी को हल नहीं मिलता,

​शायद अब घर से कोई माँ के पैर छूकर नहीं निकलता​।


*


पहले ये काम बड़े प्यार से माँ करती थी,

अब हमें धूप जगाती है तो दुःख होता है।


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वो लिखा के लायी है किस्मत में जागना,

माँ कैसे सो सकेगी कि बेटा सफ़र में है।



सीधा साधा भोला भाला मैं ही सब से सच्चा हूँ,

कितना भी हो जाऊं बड़ा माँ आज भी तेरा बच्चा हूँ।


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मां तुम्हारे पास आता हूं तो सांसें भीग जाती है,

मोहब्बत इतनी मिलती है की आंखें भीग जाती है।


=> 02 - Man Ke Liye Shayari Do Line


मुझे बस इस लिए अच्छी बहार लगती है,

कि ये भी माँ की तरह ख़ुशगवार लगती है।


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हर घड़ी दौलत कमाने में इस तरह मशरूफ रहा मैं,

पास बैठी अनमोल मां को भूल गया मैं।


*


माँ ! के आगे यूँ ही कभी खुल कर नहीं रोना,

जहाँ बुनियाद हो, इतनी नमी अच्छी नहीं होती।


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ऐ रात मुझे माँ की तरह गोद में ले ले आज,

दिन भर की मशक़्क़त से बदन टूट रहा है।



मैं रात भर जन्नत की सैर करता रहा यारों

सुबह आँख खुली तो सर माँ के कदमों में था


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मैंने कल शब चाहतों की सब किताबें फाड़ दीं,

सिर्फ़ इक काग़ज़ पे लिक्खा लफ़्ज़—ए—माँ रहने दिया।


*


भेजे गए फ़रिश्ते हमारे बचाव को,

जब हुआ हादसात माँ की दुआ से उलझ पड़े।


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मेरे चेहरे पे ममता की फ़रावानी चमकती है,

मैं बूढ़ा हो रहा हूँ फिर भी पेशानी चमकती है।



मुझे कढ़े हुए तकिये की क्या ज़रूरत है,

किसी का हाथ अभी मेरे सर के नीचे है।

“मेरी माँ”


-


यूँ तो मैंने बुलन्दियों के हर निशान को छुआ,

जब माँ ने गोद में उठाया तो आसमान को छुआ।


=> 03 - समझने के लिए शायरी


जरा सी बात है लेकिन हवा को कौन समझाए,

कि मेरी माँ दिए से मेरे लिए काजल बनाती है।


-


किताबों से निकल कर तितलियाँ ग़ज़लें सुनाती हैं,

टिफ़िन रखती है मेरी माँ तो बस्ता मुस्कुराता है।


*


बुज़ुर्गों का मेरे दिल से अभी तक डर नहीं जाता दोस्तो,

कि जब तक जागती रहती है माँ मैं घर नहीं जाता।


-


चलती फिरती आंखों से अजां देखी है,

मैंने जन्नत तो नहीं देखी लेकिन मां देखी है।



इसलिए चल न सका कोई भी ख़ंजर मुझ पर,

मेरी शह-रग पे मेरी माँ की दुआ रखी थी।


-


जिसके होने से मैं खुद को मुक्कम्मल मानता हूँ,

में खुदा से पहले मेरी माँ को जानता हूँ।


*


उमर भर तेरी मोहब्बत मेरी खिदमतगार रही माँ,

मैं तेरी खिदमत के काबिल जब हुआ तू चली गयी माँ।


-


मांगने पर जहाँ पूरी हर मन्नत होती है

माँ के पैरों में ही तो वो जन्नत होती है



पहाड़ो जैसे सदमे झेलती है उम्र भर लेकिन,

बस इक औलाद की तकलीफ़ से माँ टूट जाती है।


-


दुआ को हाथ उठाते हुए लरज़ता हूँ आरिफ़,

कभी दुआ नहीं माँगी थी माँ के होते हुए।


=> 04 - दुखी मन शायरी


सख्त राहों में भी आसान सफ़र लगता है,

ये मेरी माँ की दुआओं का असर लगता है।


-


मां वो सितारा है जिसकी गोद में जाने के लिए हर कोई तरसता है,

जो मां को नहीं पूछते वो जिंदगी भर जन्नत को तरसता है।


*


घर में धन, दौलत, हीरे, जवाहरात सब आए,

लेकिन जब घर में मां आई तब खुशियां आई।


-


ज़िन्दगी में ऊपर वाले से इतना जरूर मांग लेना की,

माँ के बिना कोई घर ना हो और कोई माँ बेघर ना हो।



गिन लेती है दिन बगैर मेरे गुजारें हैं कितने,

भला कैसे कह दूं कि माँ अनपढ़ है मेरी।


-


मुसीबतों ने मुझे काले बादल की तरह घेर लिया,

जब कोई राह नजर नहीं आई तो मां याद आई।


*


ना आसमां होता ना जमीं होती,

अगर मां तुम ना होती।


-


हालातों के आगे जब साथ ना जुबौं होती है,

पहचान लेती है खामोशी में हर दर्द वो सिर्फ ”माँ ” होती है।



तेरे क़दमों में ये सारा जहां होगा एक दिन,

माँ के होठों पे तबस्सुम को सजाने वाले।


-


अपनी ख्वाहिशों का क़त्ल कर

वो हमेशा हमारे सपनों के लिए जीती थीं,

बस कुछ इसी तरह

हमारी माँ की जिन्दगी बीती थी।


=> 05 - मन की बात शायरी फोटो


आँखों से माँगने लगे पानी वज़ू का हम,

काग़ज़ पे जब भी देख लिया माँ लिखा हुआ।


-


जिस के होने से मैं खुदको मुक्कम्मल मानती हूँ ,

मेरे रब के बाद मैं बस अपने माँ – बाप को जानती हूँ।


*


लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती

बस एक मां है जो मुझसे ख़फ़ा नहीं होती


-


इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है

माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है



इस दुनिया में जितने रिश्ते, सारे झूठे बेहरूप,

एक माँ का रिश्ता सबसे अच्छा, माँ है रब का रूप।


-


शायद यूँही सिमट सकें घर की ज़रूरतें,

‘तनवीर’ माँ के हाथ में अपनी कमाई दे।


*


रूह के रिश्तों की ये गहराइयाँ तो देखिये,

चोट लगती है हमें और तड़पती है माँ,

हम खुशियों में माँ को भले ही भूल जायें,

जब मुसीबत आती है तो याद आती है माँ।


-


गिन लेती है दिन बगैर मेरे गुजारें हैं कितने

भला कैसे कह दूं कि माँ अनपढ़ है मेरी



उसके चहरे पे न कभी थकावट देखी है,

न ममता में कभी मिलावट देखी है।


-


एक मुद्दत से मेरी माँ नहीं सोई…

मैंने इक बार कहा था मुझे डर लगता है।


=> 06 - चंचल मन पर शायरी


है एक कर्ज़ जो हर दम सवार रहता है,

वो माँ का प्यार है, सब पर उधार रहता है।


-


चलती फिरती आँखों से अज़ाँ देखी है,

मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है।


*


कल माँ की गोद में, आज मौत की आग़ोश में,

हम को दुनिया में ये दो वक़्त बड़े सुहाने से मिले।


-


भटकती हुई राहों की धूल था मैं

जब मां के चरणों को छुआ तो

चमकता हुआ सितारा बन गया।


^


हैरान हो जाता हूँ मैं अक़्सर,

देखकर खुदाओं के दर पे हुजूम,

माँ, तेरी गोद में मुझे,

जन्नत का एहसास होता है।


-


वह माँ ही है जिसके रहते,

जिंदगी में कोई गम नहीं होता,

दुनिया साथ दे या ना दे पर,

माँ का प्यार कभी कम नहीं होता।


*


जब – जब कागज पर लिखा मैने माँ का नाम ,

कलम अदब से बोल उठी हो गये चारो धाम।


-


रूह के रिश्तों की ये गहराइयाँ तो देखिये,

चोट लगती है हमें और चिल्लाती है माँ,

हम खुशियों में माँ को भले ही भूल जायें,

जब मुसीबत आ जाए तो याद आती है माँ।


^


हजारो गम है जिन्दगी में,

फिर माँ मुस्कराती है,

तो हर गम भूल जाता हू।


-


भगवान हर जगह नहीं हो सकते,

इसलिए उसने माँ बनायीं।


=> 07 - माँ के लिए दुआ शायरी


कोई सरहद नहीं होती,

कोई गलियारा नहीं होता,

अगर मां की बीच होती,

तो बंटवारा नहीं होता।


-


घुटनों से रेंगते-रेंगते जब

पैरों पर खड़ा हो गया,

माँ तेरी ममता की छाँव में,

जाने कब बड़ा हो गया।


*


रब से करू दुआ बार-बार

हर जन्म मिले मुझे माँ का प्यार

खुदा कबूल करे मेरी मन्नत

फिर से देना मुझे माँ के आंचल की जन्नत।


-


माँ तो जन्नत का फूल है,

प्यार करना उसका उसूल है,

दुनिया की मोहब्बत फिजूल है,

माँ की हर दुआ कबूल है,

माँ को नाराज करना इंसान तेरी भूल है,

माँ के कदमो की मिट्टी जन्नत की धूल है।


^


हर रिसते में मिलावट देखी है ,

कच्चे रंगो की सजावट देखी है,

लेकिन सालों साल देखा है, माँ को


-


माँ की अजमत से अच्छा जाम क्या होगा,

माँ की खिदमत से अच्छा काम क्या होगा,

खुदा ने रख दी हो जिस के कदमो में जन्नत,

सोचो उसके सर का मुकाम क्या होगा।


*


मुश्किल घड़ी में ना पैसा काम आया,

ना रिश्तेदार काम आये,

आँख बंद की तो सिर्फ मां याद आयी।


-


माँ से रिश्ता ऐसा बनाया जाए,

जिसको निगहों में बिठाया जाए,

रहे उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसे कि,

वो अगर उदास हो तो हमसे श्री मुस्कुराया ना जाऐ।


^


दिन की रौशनी ख्वाबो को बनाने मे गुजर गयी,

रात की नींद बच्चे को सुलाने मे गुजर गयी,

जिस मकान मे तेरे नाम की तख्ती भी नहीं है,

सारी उम्र उस मकान को बनाने मे गुजर गयी।


-


सब कुछ मिल जाता है दुनिया में मगर,

याद रखना कि माँ-बाप नहीं मिलते,

मुरझा कर जो गिर जाये एक बार डाली से,

ये ऐसे फूल हैं जो फिर नहीं खिलते।


=> 08 - मन विचलित शायरी


उम्र भर खाली यूं ही मकान हमने रहने दिया,

तुम गए तो दूसरे को कभी यहां रहने ना दिया,

मैंने कल सब चाहतों की किताबे फाड़ दी,

सिर्फ एक कागज पर लिखा मां रहने दिया।


-


कही हो जाये ना घर की मुसीबत लाल को मालूम,

छुपा कर तकलीफें तेरा मुस्कुराना याद आता है।

जब आये थे तुझे हम छोड़ कर परदेश मेरी माँ,

मुझे वो तेरा बहुत आंसू बहाना याद आता है।


*


माँ तेरी याद सताती है मेरे पास आ जाओ,

थक गया हूँ मुझे अपने आँचल मे सुलाओ,

उंगलियाँ अपनी फेर कर बालो में मेरे,

एक बार फिर से बचपन कि लोरियां सुनाओ।

चलती फिरती आँखों से अज़ाँ देखी है,

मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है।


-


सबकुछ मिल जाता है दुनिया में मगर,

याद रखना की बस माँ-बाप नहीं मिलते,

मुरझा कर जो गिर गए एक बार डाली से,

ये ऐसे फूल हैं जो फिर नहीं खिलते।


^


माँ से बड़कर कोई नाम क्या होगा

इस नाम का हमसे एहतराम क्या होगा

जिसके पैरों के नीचे जन्नत है

उसके सर का मक़ाम क्या होगा।


-


ठोकर न मार मुझे पत्थर नहीं हूँ मैं,

हैरत से न देख मुझे मंज़र नहीं हूँ मैं,

तेरी नज़रों में मेरी क़दर कुछ भी नहीं,

मेरी माँ से पूछ उसके लिए क्या नहीं हूँ मैं।


*


मुझे माफ़ कर मेरे या खुदा

झुक कर करू तेरा सजदा

तुझसे भी पहले माँ मेरे लिए

ना कर कभी मुझे माँ से जुदा!


-


माँ मैं तुझको खोना नहीं चाहती,

तुझे देख रोना नहीं चाहती,

तुझ से जुड़ गया है दिल मेरा,

तुझे छोड़ कुछ पाना नही चाहती।


^


चलती फिरती हुई आँखो से अज़ाँ देखी है

मै ने जन्नत तो नही देखी है माँ देखी है !


-


जिसके होने से मै खुद को मुक्कम्मल मानता हूँ

मे खुदा से पहले मेरी माँ को जानता हूँ !


=> 09 - मन पर अनमोल विचार


ना आसमां होता ना जमी होती अगर मां तुम ना होती !


-


भगवान हर जगह नही हो सकते

इसलिए उसने माँ बनायी !


*


यूँ तो मैने बुलन्दियो के हर निशान को छुआ

जब माँ ने गोद मे उठाया तो आसमान को छुआ !


-


ज़िन्दगी मे ऊपर वाले से इतना जरूर मांग लेना की

माँ के बिना कोई घर ना हो और कोई माँ बेघर ना हो !


^


vकिसी भी मुस्किल का अब किसी को

हल नही निकलता शायद अब घर

से कोई माँ के पैर छुकर नही निकलता !


-


सीधा साधा भोला भाला मै ही सब से सच्चा हूँ

कितना भी हो जाऊं बड़ा माँ आज भी तेरा बच्चा हूँ !


*


सर पर जो हाथ फेरे तो हिम्मत मिल जाये

माँ एक बार मुस्कुरा दे तो जन्नत मिल जाये !


-


मुझे माफ़ कर मेरे या खुदा झुक कर करू तेरा सजदा

तुझसे भी पहले माँ मेरे लिए ना कर कभी मुझे माँ से जुदा !


^


तेरे क़दमो मे ये सारा जहां होगा एक दिन

माँ के होठो पे तबस्सुम को सजाने वाले !


-


माँ मै तुझको खोना नही चाहती

तुझे देख रोना नही चाहती

तुझसे जुड़ गया है दिल मेरा

तुझे छोड़ कुछ पाना नही चाहती !


=> 10 - मन पर ग़ज़ल


तेरे दामन मे सितारे है तो होगे ऐ फलक

मुझको मेरी माँ की मैली ओढ़नी अच्छी लगी !


-


हर रिश्ते मे मिलावट देखी है

कच्चे रंगो की सजावट देखी है

लेकिन सालो साल देखा है माँ को

उसके चेहरे पे ना कभी थकावट देखी

ना ममता मे कभी कोई मिलावट देखी !


*


माँ से बड़कर कोई नाम क्या

होगा इस नाम का हमसे

एहतराम क्या होगा जिसके

पैरों के नीचे जन्नत है उसके

सर का मक़ाम क्या होगा !


-


उमर भर तेरी मोहब्बत

मेरी खिदमतगार रही माँ

मैं तेरी खिदमत के काबिल

जब हुआ तू चली गयी माँ !


^



माँ की बूढी आंखो को अब कुछ दिखाई

नही देता लेकिन वर्षो बाद भी आंखो

मे ​लिखा हर एक अरमान पढ़ लिया !

-


हालातो के आगे जब साथ ना

जुबौ होती है पहचान लेती है

खामोशी मे हर दर्द वो सिर्फ माँ होती है !


*


वो लिखा के लाई है किस्मत मे जागना

माँ कैसे सो सकेगी कि बेटा सफ़र मे है !


-


घुटनो से रेगते-रेगते पैरो पर

खड़ा हो गया माँ तेरी ममता की

छाँव मे जाने कब बड़ा हो गया !


^


मां वो सितारा है जिसकी

गोद मे जाने के लिए हर कोई

तरसता है जो मां को नही पूछते

वो जिंदगी भर जन्नत को तरसता है !


-

हैरान हो जाता हूँ मै अक़्सर देखकर

खुदाओ के दर पे हुजूम माँ तेरी गोद

मे मुझे जन्नत का एहसास होता है !


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